Saturday, October 4, 2008

मसाला खबरों की मंडी में मरता पत्रकार

खबर- 25वर्षीय युवा पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या। अब सवाल ये उठता है कि यहां हत्या एक लड़की होना बड़ी बात है, या कि एक पत्रकार की?जान किसकी गई? किसने अपना कुछ खोया? क्या उस मां और उसके परिवार ने? या उस चैनल ने? या इस देश के युवा वर्ग ने अपना एक साथी खोया है। बात गंभीर है। और सोचने वाली बात यह भी है, की टीआरपी में अव्वल रहने वाले चैनल के अंग्रेजी चैनल की पत्रकार की होती है और खबरचियों को खबर तक नही लगती। बात थोड़ा चकित करती है...
आखिर आपका चैनल तो सर्वश्रेष्ठ था भई, क्या हुआ? खबर को सूंघने की क्षमता खत्म हो गई थी क्या?
या जुकाम लग गया था।
तथाकथित पत्रकारों ने ये भी ग़निमत भी न समझी की पुलिस से ही थोड़ी तफ्तीश की जाती।
या कुछ रोष प्रकट किया जाता, लेकिन क्यों करें, हर स्टोरी में कुछ मसाला खोजने की आदत जो हो गई है दोस्तों को। भई अगर कहानी में कोई डीपीएस का एंगल न हो, और बीएमडब्लू कार न हो तो भाई कैसे कोई स्टोरी पर रिस्क लेता।
बेकार में चैनल की और फज़ीहत हो जाती...
पर अब तो सुधरों मेरे दोस्तों, दुनिया की नजरों में तो गिर चुके हो, अपने-अपनों और अपने आप की नजरों में तो मत गिरो...
एक बार तो कोई पत्रकार बंधु पुलिस की खबर लेता, कोई ये जानने की कोशिश करता कि पुलिस की कार्यवाही कैसी चल रही है, सौम्या के मां-बाप का क्या हाल है...
मेरे तथाकथित पत्रकार मित्रों थोड़ी भी ग़ैरत है तो एक बार उन पत्रकारिता के सिद्धांतों को याद करो जो कभी हमें पढ़ाए गए थे। बल्कि कुछ वरिष्ठ पत्रकार तो अभी भी किसी न किसी संस्थान में ये सिद्धांत पढ़ातें होंगे...
अब क्या पढ़ाओगे सर जी।

4 comments:

E-Guru Rajeev said...

आपका लेख पढ़कर हम और अन्य ब्लॉगर्स बार-बार तारीफ़ करना चाहेंगे पर ये वर्ड वेरिफिकेशन (Word Verification) बीच में दीवार बन जाता है.
आप यदि इसे कृपा करके हटा दें, तो हमारे लिए आपकी तारीफ़ करना आसान हो जायेगा.
इसके लिए आप अपने ब्लॉग के डैशबोर्ड (dashboard) में जाएँ, फ़िर settings, फ़िर comments, फ़िर { Show word verification for comments? } नीचे से तीसरा प्रश्न है ,
उसमें 'yes' पर tick है, उसे आप 'no' कर दें और नीचे का लाल बटन 'save settings' क्लिक कर दें. बस काम हो गया.
आप भी न, एकदम्मे स्मार्ट हो.
और भी खेल-तमाशे सीखें सिर्फ़ 'ब्लॉग्स पण्डित' पर.

हिन्दीवाणी said...

स्वागत है। निरंतरता बनाए रखें।

अभिषेक मिश्र said...

patrakarita ko aaina dikhane ka acha prayas hai aapka. Swagat blog parivar aur mere blog par bhi.

प्रदीप मानोरिया said...

सार्थक पड़ताली आलेख हिन्दी चिठ्ठा जगत में आपका बहुत स्वागत है निरंतरता की चाहत है
मेरा आमंत्रण स्वीकारें समय निकाल कर मेरे चिट्ठे पर भी पधारें