Monday, May 18, 2009

बीजेपी की हार पर परेशान पत्रकार

बीजेपी की हार या आडवाणी की हार? मोदी के कारण हार या आडवाणी के कारण हार? बीजेपी के खुद के कारण हार या सहयोगी दलों के कारण हार?सवाल संघी कैम्प को परेशान कर रहा है,पता नहीं क्यों हमारे पत्रकार मित्र इस पर परेशान हो रहे हैं. बीजेपी के साथ दिक्कत है की विचारधारा में ही विरोधाभास रहा है, हमारा देश धर्मनिरपेक्ष हैं ये भाई लोगों से कहते नहीं बनता और राष्ट्रवाद का अपना अलग दर्शन लिए देश में पीएम इन वेटिंग और सीएम इन वेटिंग बनाते चलते हैं, अब तो शायद इन्हें आदत हो गई है वेटिंग रहनें की, अटलजी को भी कई साल वेटिंग लिस्ट में रहना पड़ा था कई बार तो ट्रेन ही कैंसल हो गई, लेकिन संघर्ष करते रहे, एक बार आरएसी में टिकट मिला 13 दिन सरकार चली,संसद ने चलान बना दिया भई आरएसी में भी दो लोग एक सीट पर बैठ कर जा सकते हैं अटलजी 13 लोग संग लिए थे. और लोकसभा की ट्रेन से उतार दिए गए,फिर टिकट लिया वेटिंग, फिर भी हार न मानी और 13 महीनों तक यात्रा पूरी हुई ही थी की गाड़ी के संग लगे एक एक्स्ट्रा इंजन ने ही साथ नहीं दिया और लोकसभा ऑउटर पर ही खड़ी हो गई. फिर किसी तरह जा कर टिकट कनफर्म हुआ और जोड-गुणा-भाग के चलते 5 साल चली बीजेपी-एनडीए पैसेंजर...अटलजी के बाद पहली बार बीजेपी ने नेता नम्बर दो आडवाणी का पीएम का टिकट भी वेटिंग में था पर गाड़ी कौन सी थी एक्सप्रेस या मेल, मालगाड़ी या पैसेंजर लोकल या राजधानी पता नहीं कौन सी गाड़ी है कहां जाना हैं कुछ पता नहीं. बस नागपुर रिजर्वेशन काउंटर से टिकट लिया और चल दिए स्टेशन की ओर, होना क्या था अटलजी का टिकट वेटिंग था तो मौका मिल ही गया किसी तरह, आडवाणी का टिकट तत्काल में वेटिंग था जहां कैंसिंलेशन के चांस कम होते हैं...कारण हमें तो इतना समझ में आता हैं

1 comment:

Asha Joglekar said...

सही कहा ।